इंजीनियर अवधेश कुमार, संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष और एक सामाजिक कार्यकर्ता ने वर्ष 2004 में गया ,बिहार में बुद्धा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशंस की नीव की शुरुआत की |पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पूर्वी क्षेत्र में सरकारी व निजी क्षेत्र में रिक्त पदों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की एक बड़ी कमी होने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए| इसलिए इन क्षेत्रों में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के महान उद्देश्यों को पूरा करने के लिए संस्थान विकास के साथ-साथ छात्र-शिक्षक अवधारणा को लागू करने के लिए दक्षता, व्यवहार एवं कौशल से संबंधित कार्यक्रमों, बच्चों पर केंद्रित गतिविधियाँ व खेलने पर आधारित दृष्टिकोण के आधार पर उचित पाठ्यक्रम की विधिवत रूप-रेखा चुना |
वर्ष 2004 में एक विनम्र शुरुआत के साथ, टीटीसी शिक्षक प्रशिक्षण, अनुसंधान, संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, कैरियर परामर्श, विस्तार सेवाओं, सह पाठयक्रम गतिविधियों और पूरक पाठ्यक्रम में अपनी प्रमुख उपलब्धियों के कारण शिक्षा के क्षेत्र में एक संसाधन केंद्र बन गया है | कॉलेज के पूर्व छात्र राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के सम्मानित शैक्षणिक संस्थानों में नियुक्त हैं।
तब से बुद्धा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशंस में कई और पाठ्यक्रमो को जोड़ा गया है जैसे वर्ष 2008 में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए ‘बुद्ध पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट ‘ और ‘बीआईटी पॉलिटेक्निक कॉलेज ‘ के नाम से दो पॉलिटेक्निक संस्थान और वर्ष 2008 में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए एक इंजीनियरिंग कॉलेज ‘बुद्धा पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट ‘ के नाम से ।
हमारा मिशन
विद्यार्थियों और समाज में वैज्ञानिक स्वभाव को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए और उन्हें पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए उन्हें व्यावहारिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विज्ञान में प्रशिक्षित करना जो उनमे काम करने की इच्छा और छमता को जागरूक करे और श्रम की गरिमा और आत्मसम्मान की भावना को बढ़ावा देना |
हमारा विज़न
हमारे राष्ट्र और बिहार राज्य को एक नई पीढ़ी के कुशल टेक्नोक्रेट प्रदान करना जो 21 वीं सदी की चुनौतियों का सामना कर सके और अपने अग्रिम ज्ञान के साथ राष्ट्र और राज्य की सेवा कर सके |